MP News: मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है। बता दें कि अब सरकार ने इन कर्मचारियों की वेतन में तीन गुना वृद्धि की गई है। कहीं ना कहीं यह उन कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी हो सकती है।
एमपी की बड़ी खबर आपको बता दें कि संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन में चार चांद लग गए हैं जहां उनकी वेतन वेतन बढ़ाने पर चर्चा बड़ी है। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह कर्मचारियों के लिए एक प्रकार से सरकार के द्वारा कहीं ना कहीं बड़ी सौगात कही जा सकती है।
एमपी के कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खुशखबरी
एमपी के कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी बता दें कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत काम करने वाले संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया गया है। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। आईए जानते हैं क्या है मामला।
दरअसल साल 2016 में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्टेट मिशन मैनेजर के पद पर नियुक्तियां पूर्ण की गई थी। सभी कर्मचारी अपनी ईमानदारी पूर्वक सादृढ़ सेवा दे रहे थे। इसी ईमानदारी की वजह से अब उनकी वेतन में और भी वृद्धि की गई है। ताकि पर अपनी पूरी ईमानदारी के साथ सेवा दे सकें और अपने परिवार का भी ख्याल रख सकें।
कर्मचारियों की वेतन में लग गए चार चांद
बता दे कि कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन के बाद उन्हें 3352 रुपए का हर महीने फायदा मिलेगा। उन्हें अब 86,625 की बजाय 89,977 रुपए मिलेंगे। सिटी मिशव मैनेजर को मिलने वाली वेतन 65,300 की जगह 67,827 रुपये मिलेंगे। वहीं बर्ष 2022 में नियुक्त हुए सिटी मिशन मैनेजर को 34,100 की जगह 35,420 रुपए का फायदा होगा। इसके अलावा सामुदायिक संगठक का वेतन 20,300 से 21,086 रुपए किया गया। इस प्रकार यहां पर कर्मचारियों के वेतन में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिला है।
वित्त विभाग ने किया सीपीआई इंडेक्स घोषित
किसी के साथ आपको बता दें कि मध्य प्रदेश वित्त ने अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए सीपीआई इंडेक्स घोषित किया है। इसके तहत संविदा कर्मचारियों के वेतन में 700 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक बढ़ोत्तरी की होनी थी, किंतु वित्त विभाग द्वारा संविदा के 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के ग्रेड में कटौती कर दी। जहां उन्हें फायदा होने की बजाय नुकसान हो रहा है। इसको लेकर कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है।